सीएम योगी का बड़ा फैसला: यूपी में संपत्ति के लिए अब मिलेगी E-Registration की सुविधा

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उत्तर प्रदेश की भूमि पर एक ऐतिहासिक परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे प्रदेश की संपत्ति से जुड़ी प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आ जाएगा। इस निर्णय के तहत, अब उत्तर प्रदेश में संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए E-Registration की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह कदम प्रदेश की सरकारी मशीनरी को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ई-रजिस्ट्री का महत्व और यूपी की नई सुविधा

ई-रजिस्ट्री का मतलब है कि संपत्ति की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा सकेगा। इस डिजिटल पहल के साथ, उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया है जहां संपत्ति के लेनदेन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके पहले, यह सुविधा केवल महाराष्ट्र में ही उपलब्ध थी। इससे पहले के समय में, संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए लंबी कतारें और विभिन्न सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ता था, जो आम नागरिक के लिए बेहद कठिनाईपूर्ण था।

पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब होगा आसान

उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति के बंटवारे को भी सरल बनाने के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। अब जीवित व्यक्ति द्वारा रक्त रिश्तेदारों में संपत्ति के बंटवारे के लिए मात्र 5 हजार रुपए का स्टाम्प शुल्क लगेगा। यह कदम ‘Ease of Living’ की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे लोगों को संपत्ति के बंटवारे के समय आसानी होगी और कम खर्च में काम चल जाएगा। यह सुधार न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि परिवारों के बीच संपत्ति के विवादों को भी कम करेगा।

ई-रजिस्ट्री का प्रभाव और सरकार की योजना

प्रदेश के सभी प्राधिकरणों, आवास विकास और संपत्ति का लेनदेन करने वाले विभागों में ई-रजिस्ट्री को मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की ओर से एक बड़ी पहल है, जिसका उद्देश्य सरकारी विभागों के कामकाज को अधिक सुगम और प्रभावी बनाना है। प्रदेश में सालाना लगभग 40 लाख रजिस्ट्री होती हैं, जिनमें एक बड़ी संख्या सरकारी विभागों से जुड़ी संपत्तियों की होती है। इसलिए, इस नई सुविधा की शुरुआत सरकारी विभागों से की गई है, ताकि शुरुआत में ही ई-रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू किया जा सके।

लाखों परिवारों को राहत की उम्मीद

उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला लाखों परिवारों को बड़ी राहत देने वाला है। संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए अब लंबी कतारों और थकाऊ प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा। ई-रजिस्ट्री की सुविधा से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया की पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह निर्णय प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और लोगों को संपत्ति से जुड़े कार्यों में नई सरलता का अनुभव कराएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से न केवल प्रदेश की संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ई-रजिस्ट्री के माध्यम से उत्तर प्रदेश अब देश के अन्य आधुनिक राज्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकेगा, और प्रदेशवासियों को एक नई डिजिटल सुविधा का लाभ मिलेगा।

समाज पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ

इस ई-रजिस्ट्री पहल का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संपत्ति के लेनदेन से न केवल भ्रष्टाचार में कमी आएगी, बल्कि नागरिकों को पारदर्शिता और सुविधा का भी अनुभव होगा। इस पहल से लोगों को समय की बचत होगी और सरकारी प्रक्रियाओं में बिचौलियों की भूमिका भी कम होगी। भविष्य में, अन्य राज्यों के लिए उत्तर प्रदेश एक मॉडल साबित हो सकता है, जो डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक प्रेरणा बन सकता है। इसके अतिरिक्त, यह कदम राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और स्थानीय प्रशासन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाएगा।

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