नई दिल्ली: इस साल IDBI बैंक के सरकारी हिस्सेदारी को बेचने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) शॉर्टलिस्ट किए गए बिडर्स की जांच-परख में जुटा हुआ है, और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बिक्री की प्रक्रिया उचित और पारदर्शी हो। डिसइनवेस्टमेंट और पब्लिक असेट मैनेजमेंट को एक नई रणनीति के तहत देखा जा रहा है, जिसमें शेयरधारकों के लिए वेल्थ क्रिएट करने पर जोर दिया जा रहा है।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि विनिवेश अब पब्लिक असेट मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मकसद सिर्फ संसाधन जुटाना नहीं, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना है।
डिसइनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी: नई दिशा
सरकार ने इस बार के बजट में डिसइनवेस्टमेंट का अलग से टारगेट नहीं रखा। इसे असेट मॉनेटाइजेशन के साथ मिलाकर कुल 50,000 करोड़ रुपये का अनुमान दिया गया है। पांडेय ने बताया कि संसाधन जुटाने के लिए सिर्फ डिसइनवेस्टमेंट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि डिविडेंड भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। इसके लिए कंपनियों की परफॉर्मेंस बेहतर होनी चाहिए ताकि वे अधिक डिविडेंड दे सकें। पिछले वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर कंपनियों से सरकार को 63,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था और अगले वित्त वर्ष के लिए 56,000 करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया है।
1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप: एक महत्वाकांक्षी पहल
अगले पांच वर्षों में टॉप 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप कराने की योजना पर पांडेय ने बताया कि इसके लिए विस्तृत रणनीति बनाई जा रही है। इसमें प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की दिग्गज कंपनियां शामिल होंगी। यह पहल युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
IDBI बैंक में स्ट्रैटेजिक सेल: क्या है योजना?
IDBI बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने के मामले में पांडेय ने बताया कि रिजर्व बैंक शॉर्टलिस्ट किए गए बिडर्स की फिट एंड प्रॉपर के पैमानों पर जांच-परख कर रहा है। अगले महीने यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद बिडर्स को वर्चुअल डेटा रूम में IDBI बैंक की एक्सक्लूसिव जानकारियां दी जाएंगी ताकि वे ड्यू डिलिजेंस कर सकें। इस वित्त वर्ष के भीतर यह स्ट्रैटेजिक सेल पूरी होने की उम्मीद है। वर्तमान में सरकार की IDBI बैंक में करीब 45% और LIC की लगभग 49% हिस्सेदारी है।
NTPC ग्रीन की लिस्टिंग: क्या है तैयारी?
पांडेय ने यह भी बताया कि इस साल NTPC ग्रीन की लिस्टिंग की भी तैयारी है। यह पहल ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेशकों को आकर्षित करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में रणनीतिक तौर पर सरकारी हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही अहम यह भी है कि ये कंपनियां शेयरधारकों के लिए वेल्थ क्रिएट करें। नई डिसइनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल संसाधन जुटाने पर, बल्कि कंपनियों की परफॉर्मेंस बेहतर करने पर भी जोर देती है। IDBI बैंक का स्ट्रैटेजिक सेल इस साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है, जिससे यह बैंक प्राइवेट हाथों में चला जाएगा और सरकारी हिस्सेदारी का उपयोग अन्य विकास योजनाओं में किया जाएगा।
इस साल बिक जाएगा यह सरकारी बैंक, RBI ने शॉर्ट लिस्ट किए गए बिडर्स, सरकार कर रही जांच-परख
Leave a comment
Leave a comment